Nitin's Blog Welcome to my Blog
-
Data Privacy: Major Challenege in India
आज डेटा प्राइवेसी देश के सामने बहुत बड़ी चुनौती बन चुका है जिसकी वजह से हमारा Data खतरे में है और जागरूकता के अभाव में हर दिन बहुत सारे लोग साइबर क्राइम का शिकार बन रहे।
निजता हम सब का अधिकार है लेकिन आज हमारे डेटा की प्राइवेसी देश के सामने एक ऐसी चुनौती बन चुकी है जिस पर सरकार को गंभीरता से कार्य करने की आवश्यकता है। पिछले वर्ष वायरल हुई रूसी एप्लीकेशन “FaceApp” इसका एक बड़ा उदाहरण है। इस एप्प की टर्म्स और कंडीशन्स को बिना पढ़े लाखों भारतीयों ने इसे अपने स्मार्टफोन में इनस्टॉल कर लिया और इसका इस्तेमाल करने लगे, जबकि यह एक बेहद खतरनाक एप्प थी जो उस व्यक्ति के फ़ोन स्टोरेज से लेकर सारी जानकारियाँ ले लेगी व उसे किसी भी कानूनी या आपराधिक काम के लिए इस्तेमाल कर सकती है। जो लोग आज भी इस “FaceApp” नाम की एप्प को इस्तेमाल कर रहे उन्हें तुरंत इसे अनइंस्टाल कर देना चाहिए।
इसी प्रकार बड़ी बड़ी कंपनियाँ जैसे फेसबुक, गूगल, ट्विटर हमारे डेटा को चुरा कर थर्ड पार्टी कंपनियों को बेच रहे हैं। जहाँ एक तरफ देश आज डिजिटल इंडिया की तरफ बढ़ रहा वहीं साइबर अपराधों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही। वर्ष 2017 में यह बात सामने आई थी कि फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग भारतीय नागरिकों के डेटा को अपनी खुफ़िया एजेन्सियों को बेच रहा तो मार्क ने बस एक औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को माफी पत्र लिख दिया था और इतनी गंभीर बात वहीं खत्म हो गई। आज “Hotstar” जैसी एप्प्स “बॉडी सेंसर” तक की परमिशन्स यूजर से लेते हैं, यह सोचने वाली बात है कि एक मनोरंजन की एप्प बॉडी सेन्सर्स की परमिशन क्यों ले रही? जबकि यह परमिशन एक फिटनेस एप्प के लिए है। Uber, Ola, Google जैसी एप्प्स हमारी गतिविधियों पर नज़र रखती हैं जो कि निजता का उल्लंघन है। यह इसलिए होता है क्योंकि जब हम कोई भी एप्प अपने फ़ोन में इनस्टॉल करते हैं तो वो हमसे परमिशन्स माँगती हैं और हम उनकी शर्तों को बिना पढ़े उन्हें स्वीकार कर लेते हैं।
क्या हमें कभी भी फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप्प, गूगल चलाने के लिए इन्हें कोई पैसा देना पड़ता है? नहीं। क्योंकि ये सारी एप्प्स हमारे स्मार्टफोन में मौजूद सभी जानकारियाँ एकत्रित कर के उन्हें दूसरी कंपनियों व एजेंसियों को बेचती हैं जिससे इन्हें करोड़ो रूपयों का लाभ होता है।
आधार डेटा लीक को लेकर सालों से सवाल उठाए जा रहे हैं।
हाल ही में एक फ्रेंच लड़के ने कोरोना वायरस के लिए सरकार द्वारा बनाई एप्प “आरोग्य सेतु” को भारत सरकार की एक सर्विलांस एप्प होने का दावा करते हुए बोला था कि भारत के 9 करोड़ नागरिकों का डेटा असुरक्षित है। हालांकि उसके दावे फर्ज़ी और भारत सरकार के प्रति लोगों को भ्रमित करने के लिए उस लड़के ने ऐसे ट्वीट्स किये थे और परिणाम स्वरूप हज़ारों लोगों ने उसकी बात को सच मानकर अपने फोन से आरोग्य सेतु एप्प को अनइंस्टाल कर दिया। जबकि आरोग्य सेतु से किसी भारतीय नागरिक के डेटा को कोई ख़तरा नहीं बल्कि यह एप्प हमारी सुरक्षा के लिए बनाई गई है जो GPS की मदद से हमारे आसपास अगर कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज है तो एप्प हमें पहले ही सूचित कर देगी।
अभी जल्द ही यह बात भी सामने आई कि चीनी एप्प “zoom” बेहद खतरनाक एप्प है और चीनी एजेंसियां इस एप्प के माध्यम से यूज़र्स पर नज़र रख रही। इस एप्प को भारत में बैन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की जा चुकी है।अब यहाँ सवाल यह उठता है कि हमारा डेटा सुरक्षित कैसे रहे उसका क्या समाधान है और हम खुद की निजता को साइबर वर्ल्ड में सुरक्षित कैसे रखें?
डेटा प्राइवेसी के लिए आई०टी० व कानून मंत्रालय को भारत में Personal Data Protection लाने की आवश्यकता है, जिससे डेटा चोरी और उसके दुरुपयोग पर अंकुश लगाया जा सकता है।
इसके साथ ही हमें इन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:
1) बिना सोचे व जानकारी के किसी भी एप्प को इनस्टॉल न करें।
2) अपने स्मार्टफोन को हमेशा अपडेटेड रखें।
3) एंड्राइड/ios का लेटेस्ट वर्शन ही इस्तेमाल करें।
4) अपनी महत्वपूर्ण जैसे पासवर्ड्स या बैंक जानकारियाँ फ़ोन या कंप्यूटर में न रखें।
5) फ़ोन की अपनी cloud सर्विस पर गोपनीय जानकारी न सेव करें।
6) अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर में एंटीवायरस अवश्य रखें।
7) अपने फ़ोन व सोशल नेटवर्किंग साइट्स को हैक होने से बचाने के लिए मजबूत पासवर्ड रखें व 2-way ऑथेंटिकेशन हमेशा एक्टिवेट करें।
8) गलती से भी अपना फ़ोन नंबर, जन्मतिथि, नाम, कॉमन पासवर्ड्स जैसे qwerty, 123456 इत्यादि को अपना पासवर्ड न बनाए।
9) अपने आप को जागरूक व अपडेटेड रखें और टेक्नोलॉजी टिप्स पढ़ते रहें।
10) समय समय पर अपनी महत्वपूर्ण चीजों का बैकअप लेते रहें।Connect on LinkedIn